एक तरफ़, ज़ुल्म-ओ-सितम की इंतेहा थी, एक तरफ़, सब्र-ओ-ईमां की इम्तहाँ थी, ज़ुल्म ने कहा, " मैं दरिया हूँ, तुम पानी को तरस जाओगे". सब्र ने कहा, " जा मैं नहीं पीता, तुम प्यासों को तरस जाओगे".....!!! Comp. By javed....✍🏻 इंतेहा = चरम सीमा, परकाष्ठा, Atmost Extent, The Limit,. इम्तहाँ = आज़माइश, Test. ©Md. Javed Saudagar #मोहर्रम