आलोचना आलोचना होनी चाहिए,तभी तो आपको आगे बढ़ने के सारे मार्ग प्रशस्त होंगे। निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छबाय। बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।। ©Gyanendra Singh Rajput आपके आलोचक ही आपके प्रशंसक बनेंगे। #Criticisms