दिसंबर का महीना दशेहरा नहीं था. दिवाली नहीं थी मंदिर मज्जिद पर किसी के गाली नहीं थी मिलार्ड भी चुप है नेता भी चुप रहे क्योंकि लड़की जली थी पराली नहीं थी पटेल पन्ना mp कुम्भकरण की नींद सोते है इंडिया के लोग