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प्रेमिका अर्धांगिनी होने का हक चाहती है अर्धांगिनी

प्रेमिका अर्धांगिनी होने का हक चाहती है
अर्धांगिनी प्रेमिका सा प्रेम चाहती है
क्या इस इस अन्तर्द्वन्द का कोई उपाय नहीं
क्या पुरुष प्रधान ये समाज औरत की इस
अंतरमन के द्वंद्व को नहीं समझ सकता ?
पुरुष के लिए स्त्री हर रूप धारण करती है
कभी मां, कभी बहन, कभी प्रेमिका, 
कभी वैश्या, कभी पत्नी, कभी दोस्त
प्रेम के सभी रूपों की अनूभूती कराती है
तो क्या पुरुष का अपनी संगिनी के प्रति कोई कर्तव्य नहीं?
उसकी भावनाओं की कोई कद्र नहीं
क्या स्त्री सिर्फ एक शरीर मात्र है? उसकी आत्मा का क्या?
@deepali dp

©Deepali dp #deepalidp #mojzamiracle #rahaterooh #jashnerekhta #hindi_poetry #feelingsandemotions #responsibility #Partnership
प्रेमिका अर्धांगिनी होने का हक चाहती है
अर्धांगिनी प्रेमिका सा प्रेम चाहती है
क्या इस इस अन्तर्द्वन्द का कोई उपाय नहीं
क्या पुरुष प्रधान ये समाज औरत की इस
अंतरमन के द्वंद्व को नहीं समझ सकता ?
पुरुष के लिए स्त्री हर रूप धारण करती है
कभी मां, कभी बहन, कभी प्रेमिका, 
कभी वैश्या, कभी पत्नी, कभी दोस्त
प्रेम के सभी रूपों की अनूभूती कराती है
तो क्या पुरुष का अपनी संगिनी के प्रति कोई कर्तव्य नहीं?
उसकी भावनाओं की कोई कद्र नहीं
क्या स्त्री सिर्फ एक शरीर मात्र है? उसकी आत्मा का क्या?
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