हर बार किसी दूसरे को लिखा है आज खुद को लिखने निकला हूं उठाकर इस कलम को अपना ही अस्तित्व चित्रण करने निकल हूं जी हां,कुछ ऐसा ही किरदार है मेरा हर किसी को पसंद नहीं आता हूं शायद उनकी पसंद बेहद अव्वल रही होगी पर जैसा भी हूं खुद के लिए ठीक हूं बदले वक़्त के साथ कुछ यूं ही खुद को बदला है जैसा तुम सोचते थे, बिल्कुल उसके उल्टा हूंँ। ~Puran Maroriya #SV