White दबी हुई चीजें, दबे हुए विचारधारा, दबी हुई दुनिया की हर वह चीज, अश्लीलता को जन्म देती है। क्योंकि जानने, परखने तथा विचारों को शाश्वत परिभाषा में व्यक्त करने से, अश्लीलता का जन्म हो ही नहीं सकता है। 1 इसलिए भारत के हर वह संस्कृति तथा आस्था में, सब कुछ खुलेआम दिखाई पड़ता है। जैसे कोणार्क मंदिर जिसमें भगवान श्री सूर्य देव की, पूजा की जाती है। वहां के मंदिरों में सारी मूर्तियां, नग्न अवस्था में पड़ी हुई दिखाई पड़ती हैं। 2 फिर भी वह हमारा आस्था का प्रतीक है। जिसको हम अश्लील, कभी नहीं कहते। खजुराहो का मंदिर तथा अरावली का मंदिर और कामाख्या धाम जैसे कितने ही उदाहरण है। जो कभी अश्लीलता का विषय नहीं बना। 3 क्योंकि अश्लीलता हमारे विचारों में बन रहा है, हमारी सोच में पल रहा है, हमारी अधूरी शिक्षा में जन्म ले रहा है। इसलिए भारत में आज भी, सेक्स एजुकेशन की भ्रांतियां फैली हुई हैं। 4 जिनको सुन लेने के बाद, देख लेने के बाद, हमारा मन मस्तिष्क उसे गलत साबित करने के विरोध में, खड़ा हो जाता है। 5 यह सत्य है कि कभी भी किसी भी चीजों के, विरुद्ध जाकर उसे हम खत्म नहीं कर सकते। बल्कि बेहतर शिक्षा का, सही मार्गदर्शन होना जरूरी है। तभी हम भारत के प्रत्येक नागरिकों में, एक बेहतर दृष्टिकोण का बीज डाल सकते हैं। 6 ताकि भविष्य में किसी भी विचार तथा शिक्षा के प्रति, हमारी सोच में भ्रांतियां ना बने। क्योंकि हम सेक्स एजुकेशन से जुड़ी प्रत्येक हिस्सों को, अश्लीलता का विषय समझते हैं। इसलिए अश्लीलता का विचार, हमारे सोच के कोने-कोने में फैला हुआ है। 7 ©Rohan Roy आखिर क्या है, ये अश्लीलता? | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | life quotes