तीरगी थी, जो मेरे मन के गलियारे में तेरे एहसासों, से हर कोना जग-मगाया हैं।। मेरे मुकद्दर में कहां ये चांदनी तेरे होने से हर अलम मुरझाया है। पर तू अब भी अनजान है ऐसे मुझसे जैसे मेरे इन्तजार को तूने आजमाया है।। मेरी उम्मीदों में, नहीं है तू पर "आफ्ताब-ए-जीस्त" तूझी को बनाया है।। ये आरजू है, यूं ही बरकरार रहेगी तेरे दर पर दिल का अखबार सुनाया है।। मेरे ना होने पर भी कायम ये अफसाना रहेगा हर ख्वाब ने एकतरफा, तुझी को सजाया है।। आज देखो हर कोना जगमगाया है।। रीतिका #Love #nightthoughts Anshula Thakur Varsha Singh(शिल्पी शहडोली) Pankaj Singh Yishu Tiwari MR.KUMAR