आज मरे कि कल मरे जी रहे हैं ऐसे कि आज मरे कि कल मरे फिर किस बात का प्यारे अभिमान करे फिर काहे किसी से छल करे काहे न उस रब से डरे माना मुश्किल है ये जिंदगी चलो मुश्किल मिलकर हल करें जी रहे हैं ऐसे कि आज मरे कि कल मरे फिर किस बात का प्यारे अभिमान करे ।। ©Sushil Patial आज मरे कि कल मरे..... #dilemma