Nojoto: Largest Storytelling Platform

दर्द को कब परवाह तुम कांटा या ग़ुलाब हो झूठ की मीठ

दर्द को कब परवाह 
तुम कांटा या ग़ुलाब हो
झूठ की मीठी ख़ुराक से तो
सच की कड़वी गोलियां ही अच्छी हैं
हर हमराज़ हमनवा बने 
ये मुमकिन कहां
नकाब के पीछे छिपे चेहरों से तो
पीठ पे छूरियां ही अच्छी हैं... सच तो यही है
तन्हा होकर जिया नहीं जाता।
#सचहै #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
दर्द को कब परवाह 
तुम कांटा या ग़ुलाब हो
झूठ की मीठी ख़ुराक से तो
सच की कड़वी गोलियां ही अच्छी हैं
हर हमराज़ हमनवा बने 
ये मुमकिन कहां
नकाब के पीछे छिपे चेहरों से तो
पीठ पे छूरियां ही अच्छी हैं... सच तो यही है
तन्हा होकर जिया नहीं जाता।
#सचहै #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi