तरसते है तेरे दीद को,यह नैन, आके इन्हें मुक्मल कर दो, जिन्दगी भर तेरा साया बन कर रहूंगा, बस हां कर दो, बेचैन बहुत है दिल मेरा, आके इसे चैन से भर दो, बनाए रखना दूरियां हमसे कहीं तेरे आने से पागल ना ही जाऊ ऐ मेरे मालिक, इस दिल की हाथ रख दें, तेरे आने की खुशी में कहीं मचल ना जाए, Challenge -41 #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #तेरा_साया_बनकर 👔- सभी लेखक अपनी रचना 72 शब्दों में लिखे । 👔- इस प्रतियोगिता में लाईनों की सीमा 6 हैं तो कृपया ध्यान देकर लिखे । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल सुबह 9 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा । 👔- सभी लेखक ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔- धन्यवाद ।।