मिटा कर सारी दूरियाँ अपनी मेरे और क़रीब आओ। मिल कर ज़िंदगी में प्यार की गीत गुनगुनाओ। ये जो फासले हैं हमारे दरमियाँ दूर कर नजदीकियांँ बढ़ाओ। छोड़ दो तुम यूंँ शरमाना मेरे बाहों में चले आओ। ख़्वाहिश बस इतनी सी मेरा तुम नसीब बन जाओ। ज़िंदगी में हर वक्त हर पल मेरे क़रीब रह जाओ। मेरे हर सांस रूह में मोहब्बत की खुशबू बन बस जाओ। ऐसे क़रीब रहो मुझसे दूसरों को प्यार की मंज़िल दिखा जाओ। मेरे ख़्वाबों की दुनिया की हुस्न–ए–मल्लिका बन जाओ। बन मेरी क़िस्मत हाथों की लकीर मेरी मोहब्बत की ख़ूबसूरत दास्तां बन जाओ। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1050 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।