परिवर्तन सृष्टि का शाश्वत नियम है इस ब्राह्मण का कण-कण परिवर्तनशील है यह कर्म सृष्टि काल से आज तक नवरत्न रूप से चला आ रहा है इसे सभी धर्म और दार्शनिक से स्वीकार करते हैं बौद्धिक दार्शनिक तो संसार के प्रत्येक वस्तु को एडिट मानते हैं उनके अनुसार शिक्षण के लिए बाद कोई वस्तु अपने पूर्व स्वरूप में नहीं रहती हर क्षण प्रत्येक वस्तु का नया निर्माण होता है ©Ek villain #AprilFool परिवर्तन हर्षण होता है