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नाकामयाबी इंसान को तोड़ देती हैँ ना चाहते हुवे भी न

नाकामयाबी इंसान को तोड़ देती हैँ
ना चाहते हुवे भी नेगेटिब बना देती हैँ
हर कोई आज देता हैँ सलहा हमको
दुनियाँ कि नजर नाकारा बना देती हैँ
ये नहीं कि दुबारा खड़ा हो नहीं सकता
पर दुनियाँ कि नजर मुझे हारा समझ लेती हैँ


अब नहीं डरना मुझे, अब नहीं समझना मुझे
हो कितनी मुश्किल राह पर अब रुकना नहीं मुझे
लाख रोड़े अब आए चाहे मंजिल पाने में मेरी
अब मेरी मेहनत ही बनाएंगी किस्मत मेरी

© Deepak Sharma #नाकामयाबी
नाकामयाबी इंसान को तोड़ देती हैँ
ना चाहते हुवे भी नेगेटिब बना देती हैँ
हर कोई आज देता हैँ सलहा हमको
दुनियाँ कि नजर नाकारा बना देती हैँ
ये नहीं कि दुबारा खड़ा हो नहीं सकता
पर दुनियाँ कि नजर मुझे हारा समझ लेती हैँ


अब नहीं डरना मुझे, अब नहीं समझना मुझे
हो कितनी मुश्किल राह पर अब रुकना नहीं मुझे
लाख रोड़े अब आए चाहे मंजिल पाने में मेरी
अब मेरी मेहनत ही बनाएंगी किस्मत मेरी

© Deepak Sharma #नाकामयाबी