प्रेम ऐसी, अगन, के जिया ना जाए,तेरे एक झलक को, बेचैन ही उठे मन,जब नज़र न तू आए, लगन ऐसी प्रेम की, मोहे राधा तुम्हे कृष्ण बनाए, क्या हो गया , मुझे, हम अपने आप में ,मुसकाऐ प्रेम हो किसी से जग सुंदर नज़र आए, पुलकित हो ये दिल, मन का बाग बगीचा फूलों सा मुस्काए, #प्रेमवर्ण_काव्य_संगीत 👉समय सीमा आज 3:00Pm से 12:00 Pm तक है,प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद comment में time+Done लिखने के साथ अपनी रचना भी लिख दीजिए, ताकि काव्य संगीत समुह को विजेता घोषित करने वक़्त आप सभी को सूचित करना ना पड़े, रचना comment या copy करने के लिए,, 🎗️विजेता घोषित कल रात 10 बजे कर दिया जाएगा। 🎑काव्य संगीत प्रतियोगिता 10 में आपका स्वागत करता है। आप 40-45 शब्दों में अपनी सराहनीय श्रेष्ठ उत्कृष्ट अनुपम उत्तम रचना लिखें।📃 #काव्य_संगीत 👤आपका दिन शनिवार शुभ रहे।🦚