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याद है वो दिन जो हम साथ बिताया करते थे, हर पल जिंद

याद है वो दिन जो हम साथ बिताया करते थे,
हर पल जिंदगी के मजे में उड़ाया करते थे।
 ना था रिश्तों का बंधन, गमों के एहसास ना थे,
हर शाम बस बेमतलब बातों में ज़ाया करते थे।
 ना मैं सोचता था, ना तुम सोचते थे,
मुट्ठी भर मोती साथ में लुटाया करते थे।
 मैं बैठता था गंगा के तीरे,  तुम भी बैठते थे,
हर शाम घंटों वहीं बिताया करते थे।
 कभी मेरे घर पे, तो कभी तुम्हारे घर पे,
सारा दिन सिर्फ फालतू की गप्पे लड़ाया करते थे।
कभी मैं सोचता था, तो कभी तुम भी सोचते थे,
की आगे कुछ करना है, या यूं ही विचरना है, चिंता होती थी, 
पर फिर उन्हीं बेकार की बातों में खो जाया करते थे।
मैं भी अनजान था, तुम भी अनजान थे, 
हर लम्हें जिंदगी के गुमनामियों में बिताया करते थे।
कभी चक्कर लगाते थे, तो कभी थक कर बैठ जाते थे,
फिर ठंडे पानी के दो घूंट गले में उतारा करते थे।

याद है वो दिन जो हम साथ बिताया करते थे,
हर पल जिंदगी के मजे में उड़ाया करते थे।। #tourdelhi
#friendship#patna
याद है वो दिन जो हम साथ बिताया करते थे,
हर पल जिंदगी के मजे में उड़ाया करते थे।
 ना था रिश्तों का बंधन, गमों के एहसास ना थे,
हर शाम बस बेमतलब बातों में ज़ाया करते थे।
 ना मैं सोचता था, ना तुम सोचते थे,
मुट्ठी भर मोती साथ में लुटाया करते थे।
 मैं बैठता था गंगा के तीरे,  तुम भी बैठते थे,
हर शाम घंटों वहीं बिताया करते थे।
 कभी मेरे घर पे, तो कभी तुम्हारे घर पे,
सारा दिन सिर्फ फालतू की गप्पे लड़ाया करते थे।
कभी मैं सोचता था, तो कभी तुम भी सोचते थे,
की आगे कुछ करना है, या यूं ही विचरना है, चिंता होती थी, 
पर फिर उन्हीं बेकार की बातों में खो जाया करते थे।
मैं भी अनजान था, तुम भी अनजान थे, 
हर लम्हें जिंदगी के गुमनामियों में बिताया करते थे।
कभी चक्कर लगाते थे, तो कभी थक कर बैठ जाते थे,
फिर ठंडे पानी के दो घूंट गले में उतारा करते थे।

याद है वो दिन जो हम साथ बिताया करते थे,
हर पल जिंदगी के मजे में उड़ाया करते थे।। #tourdelhi
#friendship#patna