#KargilVijayDiwas भारत के भाल पर भारती के लाल सारे, शत्रु रूपी ब्याल हेतु काल बन जाते हैं ठोकते हैं ताल यहाँ रक्त में उबाल यहाँ शत्रुओं के हाल बद-हाल बन जाते हैं भुजदंड ले प्रचंड शत्रु कर खंड खंड बाल नौनिहाल बेमिसाल बन जाते हैं फोङ शत्रु का कपाल रूप धर विकराल वक्ष तान भारती की ढाल बन जाते हैं *प्रखर पाण्डेय* *हरदोई* #कारगिलविजयदिवस