सफर थोड़ी ही कहता है कि मंजिल सामने आए परिंदे को सुना कब कहते उड़ना कोई सिखलाए कि जो फैली है हर दर पर ये काली एक परछाई जलूंगा तो ये सोचूगा कि अंधियारा सिमट जाए रंगत पुष्प की लेकर रंगू सपने सलोने पर भ्रमर पुष्पो पे मंडराने का इक अधिकार तो पाए लेकर हाथ में डोरें प्रशासन ने किया बंदी सवर्णों की है सांसे बंद भले कोई ही मर जाए #life #love #सौरभ_सहज #new #shayari #yourquotedidi