हर चीज़, हर इन्सान से वास्ता तोड़ चला ये दिल...अब अकेलापन ही सच्चा साथी प्रतीत होता है। यार, प्यार,रिश्ते, कसमें, वादें..अब ये सब कहां दिल को दिलासा दे पाता हैं। संसार झूठा, तू झूठा, मैं झूठा... अब रहा कहां भरोसा किसीपे। सीने से लगालें अपना बनाके, वो हक अब कहां रहा किसीपे। मन ये सब जानता है... सब जाने ये रीत दुनीया की। फिर भी न जाने क्यूं ये दिल बेचारा लगाया हुआ है आस सबसे...न छोड़ पाया है प्रीत मोह की। छोड़ो दिल की बातें, वो तो नादान है... कहां समझ पाएगा। फुसलाके रखेंगे इसे जैसे तैसे, तब शायद संभल जायेगा। #heartspeakstruth #frommydiary #दिल #जीवन #yqdidi