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आज फिर दिल ने कहा आओ भुला दें यादें ज़िंदगी बीत गई

आज फिर दिल ने कहा आओ भुला दें यादें
ज़िंदगी बीत गई और वही यादें-यादें
जिस तरह आज ही बिछड़े हों बिछड़ने वाले
जैसे इक उम्र के दुःख याद दिला दें यादें
काश मुमकिन हो कि इक काग़ज़ी कश्ती की तरह
ख़ुदफरामोशी के दरिया में बहा दें यादें
वो भी रुत आए कि ऐ ज़ूद-फ़रामोश* मेरे
फूल पत्ते तेरी यादों में बिछा दें यादें
जैसे चाहत भी कोई जुर्म हो और जुर्म भी वो
जिसकी पादाश* में ताउम्र सज़ा दें यादें
भूल जाना भी तो इक तरह की नेअमत है ‘फ़राज़’
वरना इंसान को पागल न बना दें यादें
ज़ूद-फ़रामोश  =  जल्दी भूलने वाला
पादाश  =  जुर्म की सजा








 #NojotoQuote
आज फिर दिल ने कहा आओ भुला दें यादें
ज़िंदगी बीत गई और वही यादें-यादें
जिस तरह आज ही बिछड़े हों बिछड़ने वाले
जैसे इक उम्र के दुःख याद दिला दें यादें
काश मुमकिन हो कि इक काग़ज़ी कश्ती की तरह
ख़ुदफरामोशी के दरिया में बहा दें यादें
वो भी रुत आए कि ऐ ज़ूद-फ़रामोश* मेरे
फूल पत्ते तेरी यादों में बिछा दें यादें
जैसे चाहत भी कोई जुर्म हो और जुर्म भी वो
जिसकी पादाश* में ताउम्र सज़ा दें यादें
भूल जाना भी तो इक तरह की नेअमत है ‘फ़राज़’
वरना इंसान को पागल न बना दें यादें
ज़ूद-फ़रामोश  =  जल्दी भूलने वाला
पादाश  =  जुर्म की सजा








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