कसक दिल में हैं कुछ ऐसी बयां हम कर नहीं सकते** समझते हम भी हैं सब कुछ मगर कुछ कह नहीं सकते** कई बंदिश हैं इस दिल पर लगे पहरे जमाने के** बग़ावत करना अगर चाहे बग़ावत कर नहीं सकते** ©Savitri Parveen Kumar #allalone