रुक सको तो रुक जाना। जब प्रेम की पावन डोरी पकड़ कोई प्यार से तुमको रोके, तो प्रेमी के उस प्रेम के लिए तुम रुक सको तो रुक जाना। कोई बच्चा जब बिन बोले तुम्हें आंखों से इशारा करके रोके, तो उस मासूम, निस्वार्थ हंसी के लिए तुम रुक सको तो रुक जाना। राह चलते कोई भूखा जब ख़ुद से ही बात करता दिखे, तो उस भूखे को दो रोटी देने के लिए तुम रुक सको तो रुक जाना। गर जीत गए हो किसी महफिल में, छा गए हो किसी स्पर्धा में, हारे हुए प्रतिद्वंद्वी को आगे कर सम्मानित करने के लिए तुम रुक सको तो रुक जाना। #thoughts #thoughtoftheday #begrateful #notdying #lifequotes #lifelessons