आता है जब, वह तेरे क़रीब... दस्तक! दरवाजे पर देता एक अचानक! कब से पड़ा बंद, पट दिल का... ? धी...मे से खुली किवाड़, खुलकर हुई फिर, कुछ बंद ऐसे - धड़ाक! धम्म! से धक् से धक् धक् -धकधक हुई तेज धड़कन दिल की गिरी हो दीवार दिल पर ही जैसे थोड़ी ही देर इन्तजार...बस। @manas_pratyay #कविताई #कवितांश #क्यों_देती_है_दस्तक © Ratan Kumar