उम्र भर जिस तरह तेवर दिखाए दिल ए बेताब तुमने तो दरिया उस पार का रस्ता मुझे दिखाया तू न कभी मेरा हुआ मेरा ईमान भी कभी कह न पाए तूने मुझे लुटा भी और तूने ही मुझे बसाया जब भी तुझे याद करूं अक्सर जल उठुं तूने भी न जाने दर्द के किस के सेहरा में मुझे गंवाया तेरी खामोशी से अक्सर हम डर जाते हैं मगर सोचने को मजबुर हैं शायद तुमने ही मुझे बुलाया तेरे बगैर तो मेरी पहचान ही मुश्किल थी मगर तुमने जो लाजवाब ज़ख्म दिया है मैंने उसे पाया या खुदा तेरे फ़िरदौस पे अब मेरा भी कोई हक नहीं तो क्या सोच के तुमने नादान मुझे बनाया 🐱मेरी स्वरचित ताजा ग़ज़ल तमन्ना ए बेचैन दिल🐱 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक ताजा ग़ज़ल तमन्ना ए बेचैन दिल की पेशकश #Saffron