इस दुनियाँ की क्या सुनायें हम जहाँ अपने ही बदल जाया करते है रुसवाईया होना तो लाज्मी है क्यों के यहाँ मोहब्बतो के मायने बदल जाया करते है । पहचान तो मिट जाया करती है अपने और गैरो मे क्यों के यहाँ अपने ही गैर हो जाया करते है !..... md.mujeeb only my Ward no copy right