मतलबी से हो गए है लोग कुछ खुद के सिवा कहा कुछ देख पाते है दर्द सिर्फ अपना महसूस होता है दूसरा की मजबूरी कोई कहाँ समझ पाता है। ©Yogita Rani singh Avin Souza