फ़िक्र है मुझे फ़िक्र है... आज कल क्यू उनकी मुझे होती है हर पल की फ़िक्र है.... ये कब, क्यू, कहा, कैसा हुआ बस आज कल मेरी जुबान पे उनके लिए बस जिकर है जिकर है..... फ़िक्र है फ़िक्र है आज कल क्यों होती है मुझे फ़िक्र है... खामोश सी, किसी सोच में दुबी सी किसी अपने हर पल से अंजान सा.. वह माने या न माने मैं देता हूं उनका हर समय साथ सा..... फ़िकर है फ़िकर है मुझे आज कल पता नहीं क्यों होती है उनकी फ़िक्र है...... ©Niraj Prasad #Phikr_hai... #writenby--NirajSanu #holdinghands