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कसूर बस इतना था- जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम

कसूर बस इतना था-

जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम।

मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम।

सर झुका कर हमने कुबूल हर सजा साहब।

बस कसूर इतना सा था कि बेकसूर थे हम।

©Anil kumar jatav सजा भी खूब मिली है तुमसे दिल लगाने।
कसूर बस इतना था-

जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम।

मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम।

सर झुका कर हमने कुबूल हर सजा साहब।

बस कसूर इतना सा था कि बेकसूर थे हम।

©Anil kumar jatav सजा भी खूब मिली है तुमसे दिल लगाने।