नीम के पत्तो सी कड़वी है, मगर सेहत के लिए अच्छी है, मेरी माँ की डाँट में भी छुपी, उनकी मोहब्बत सच्ची है। Abhilekh भाई के FB पोस्ट से प्रेरणा मिली ये लिखने की। हाँ, माँ की डाँट में भी हमारी ही भलाई छुपी हुई है। वो हमें गलती करने से रोकती है और सुधरने के लिये प्रेरित करती है। हर माँ और पिता को मेरा सादर नमन।। अंजान 'इकराश़'