काले बादलो के रुख कोन बदल पाया है, इस बरसात मे मैने सबको को आज़माया है, टूटे दिल ने इस खूब लुफ़्त उठाया है, ओस बरसा है अम्बर से, मैने दिलो को प्यासा पाया है, बेवफ़ा ने दाग लगने के बहने से हाथ छुडाया है , नसीब का खेल कहो या कुदरत का करिश्मा, इस बरसात ने सबका असली रंग दिखाया है #रंग_बरसात_के