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जीवन पौधा सिंचित होता। आत्म तत्व जब इसमें होता।। आ

जीवन पौधा सिंचित होता।
आत्म तत्व जब इसमें होता।।
आत्म तत्व जब नभ में खोता।
सुनो ये काया निरन्तर सोता।।
आत्म तत्व है तब तक इच्छा।
 होते विलुप्त सदा अनिच्छा।।

©Bharat Bhushan pathak
  #FallAutumn 
जीवन पौधा सिंचित होता।
आत्म तत्व जब इसमें होता।।
आत्म तत्व जब नभ में खोता।
सुनो ये काया निरन्तर सोता।।
आत्म तत्व है तब तक इच्छा।
 होते विलुप्त सदा अनिच्छा।।

#FallAutumn जीवन पौधा सिंचित होता। आत्म तत्व जब इसमें होता।। आत्म तत्व जब नभ में खोता। सुनो ये काया निरन्तर सोता।। आत्म तत्व है तब तक इच्छा। होते विलुप्त सदा अनिच्छा।। #Poetry

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