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वो चलाता रहा बारिश में फिर भी भीग नही पाया।। बस्त

वो चलाता रहा बारिश में
फिर भी भीग नही पाया।।

बस्ता होता गया हल्का किताबों का
कंधों का बोझ सिर्फ बढ़ता ही पाया।।

उसके साथ एक हूजूम रहता है ।
वो अपना हाल किसी से बांट नहीं पाया।।

उसके चेहरे की मुस्कान सबने देखी।
आंखों की नमी कोई देख नहीं पाया।।

हजारों मिलते रहे सफर में उसे
कोई उसका हमसफर हो नहीं पाया ।।  #paidstory2 #lovequotes #alone #shayari #poetry
वो चलाता रहा बारिश में
फिर भी भीग नही पाया।।

बस्ता होता गया हल्का किताबों का
कंधों का बोझ सिर्फ बढ़ता ही पाया।।

उसके साथ एक हूजूम रहता है ।
वो अपना हाल किसी से बांट नहीं पाया।।

उसके चेहरे की मुस्कान सबने देखी।
आंखों की नमी कोई देख नहीं पाया।।

हजारों मिलते रहे सफर में उसे
कोई उसका हमसफर हो नहीं पाया ।।  #paidstory2 #lovequotes #alone #shayari #poetry