कहानी हर घड़ी जिसकी,यहाँ पर बोलती हरदम। उसी की बात जीवन में, शहद भी घोलती हरदम। मिसालें दोस्ती की तो, मिलेंगीं ही हजारों में- सुदामा कृष्ण के जैसे, निभाओ दोस्ती हरदम। #मुक्तक #मित्रतादिवस #विश्वासी