"जीवन का उद्देश्य" जब जांऊ इस दुनिया से , तब कोई रंज न रहे। कि मिली थी मुक्कमल, जिन्दगी ये गम न रहे। और ख्वाईश नहीं मेरी, कोई सल्तनत पाने की। कुछ दुनिया के काम आ जांऊ, बस यही है हसरत मेरी। ✍ मेरे विचार... #जीवन का उद्देश्य