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मुझे तो जागना है, मैं अभी सोना नहीं चाहता, बहुत कु

मुझे तो जागना है, मैं अभी सोना नहीं चाहता,
बहुत कुछ खो चुका हूँ और कुछ खोना नहीं चाहता।

सुनो इंसान को साहब, मसीहा की ज़रूरत है,
ये अपनेआप अपने पाप को धोना नहीं चाहता।

जो फसलें काटना चाहता है स्वाभिमान की साहब,
अभी ख़ुद में ही ख़ुद्दारी को वो बोना नहीं चाहता।

मैं चाहूँ तो ये दुनिया भी मेरे क़दमों में हो लेकिन,
मैं ख़ुदगर्जी के घटिया बोझ को ढोना नहीं चाहता।

इसे मेहनत के बल पर जीतना है ये जहाँ सारा,
मुक़द्दर के बहाने मैं कभी रोना नहीं चाहता। #nojotomeerut #poetry #shayri #writerlove #nojoto
मुझे तो जागना है, मैं अभी सोना नहीं चाहता,
बहुत कुछ खो चुका हूँ और कुछ खोना नहीं चाहता।

सुनो इंसान को साहब, मसीहा की ज़रूरत है,
ये अपनेआप अपने पाप को धोना नहीं चाहता।

जो फसलें काटना चाहता है स्वाभिमान की साहब,
अभी ख़ुद में ही ख़ुद्दारी को वो बोना नहीं चाहता।

मैं चाहूँ तो ये दुनिया भी मेरे क़दमों में हो लेकिन,
मैं ख़ुदगर्जी के घटिया बोझ को ढोना नहीं चाहता।

इसे मेहनत के बल पर जीतना है ये जहाँ सारा,
मुक़द्दर के बहाने मैं कभी रोना नहीं चाहता। #nojotomeerut #poetry #shayri #writerlove #nojoto