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नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की -सभी भक्तजनों को

नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की -सभी भक्तजनों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक बधाइयां -आला रे आला गोविंदा आला 

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥4-7॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥4-8॥

गीता का यह श्लोक जीवन के सार और सत्य को बताता है. निराशा के घने बादलों के बीच ज्ञान की एक रोशनी की तरह है यह श्लोक.

मैं अवतार लेता हूं. मैं प्रकट होता हूं. जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं. जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं,  दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं.

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' धर्म स्थापना
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की -सभी भक्तजनों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक बधाइयां -आला रे आला गोविंदा आला 

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥4-7॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥4-8॥

गीता का यह श्लोक जीवन के सार और सत्य को बताता है. निराशा के घने बादलों के बीच ज्ञान की एक रोशनी की तरह है यह श्लोक.

मैं अवतार लेता हूं. मैं प्रकट होता हूं. जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं. जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं,  दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं.

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' धर्म स्थापना

धर्म स्थापना #समाज