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सुनो तुम्हारी शादी में बिंबुलाए आया हु, तुझे बस दु

सुनो तुम्हारी शादी में बिंबुलाए आया हु,
तुझे बस दुल्हन के रूप में सवरते हुए देखना चाहता था, हा ये बात अलग है की तुझे अपना बनाना चाहता था पर अब बहुत देर हो चुकी है,मैं मौन हु,कुछ समझ नही आता बस भरी महफिल में तुम्हे देखे जा रहा हु,तुमसे कही छुपते छुपाते तेरी महफिल तक तो आ गया हु अब आगे क्या होगा मुझे मालूम नही बस मन के आसू अब बाहर निकलने को है कई दफा रोका खुद को तुमसे नजरे ना मिलाऊं अब ये मिली है तो ये आसू कैसे छुपाऊं,भाग जाना चाहता था तेरी महफिल से जब बारी आई तो ये पैर भी जम गए,
नींद खुली मेरी,सासो में जान आई भीग चुका था पसीने से पूरा हाए ये सपने भी ना किसी दिन मेरी जान लेंगे ,समय देखा तो सुबह के पाच बज रहे थे तेरी तस्वीर खुली थी फोन में मेरे,तभी तुम्हारा मैसेज आया गुडमॉर्निंग और शादी का कार्ड था सामने.
बस इतनी सी थी कहानी मेरी

©बदनाम
  बस इतनी सी थी कहानी मेरी...

बस इतनी सी थी कहानी मेरी... #Love

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