आंखों से आँखे मिला गया कोई,, दिल की कलियाँ खिला गया कोई.. दिल की धड़कन यूँ बेताब न थी,, मुझको दीवाना बना गया कोई.. जो बात उसे कहनी ना थी,, हाले दिल अपना सुना गया कोई.. सूने मन के इस आंगन में,, आस मिलन की जगा गया कोई.. रहता हूँ मैं कुछ खोया खोया सा,, जाने क्यूँ मुझको रुला गया कोई.. --- गुमनाम शायर #Eyes #SAD