होंठो से बयाँ नहीं की जाती, दिल की बात कहीं नहीं जाती। अश्कों के बह जाने से भी कहीं, दफा ख़ामोशी नहीं पढ़ी जाती। दर्द को भी जुबां से बयाँ किया जाए, तो वो दर्द की गवाही नही समझी जाती !... ♥️ Challenge-542 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।