शिशिर ऋतु में, भोर की पावन बेला है, कोहरे की हल्की सी धुंध, निद्रा से बाहर आए हुए, कानन में, मन को पुलकित कर देने वाले, अति मीठे मीठे स्वर गूंज रहे हैं..!! अति शांत भाव से, कानन जग कर, अपने बच्चों का मधुर स्वर, सुनकर आत्ममुग्ध हो रहा है, शांत वातावरण में, ठंड से ठिठुर ता हुआ मैं, एकाएक सब कुछ भूल कर, उस दृश्य में खो जाता हूं, जहां पर खग कुल, अपने मीठे गीतों की मस्ती में झूम रहे हैं..!! #मेरीकविताएँ