इंतजार-ए-गम में ही तो,कट रही है जिंदगी।। ना जाने कितने हिस्सों में,बंट रही है जिंदगी।। जरा मिलने की तरकीब, जल्दी निकालिए।। हर सांस के साथ दोस्तो,घट रही है जिंदगी।। ✍️ Ombir Kajal ✍️ ©Ombir Kajal मिलने की तरकीब