तुझे बेदर्द सूरज की क़सम,कुछ पल ठहर के निहार मेरी आँखें,तेरे सामने तो ,झपक भी लूं कुछ कहकर,बता क़िस्सा और गुस्सा अपना मुझे भी है शिकायत कहना,एक रात का ये सन्नाटा हुआ वक़्त ही है,तो वो इठलाकर कहेगा वक़्त खत्म,दूंगा तपन और चुभन, मगर नही मानूँगा तेरी कलम, कुछ पल ठहर के निहार मेरी आँखें, तुझे बेदर्द सूरज की क़सम #yqdidi #chand #ishq #illness #pragya❤️ #YourQuoteAndMine Collaborating with Pragya Pandey