मित्रों यह मन ही है जिससे आप अपने अंदर की भावनाओं को प्रदर्शित करते हैं, कहा जाता हैं न जिसकी जैसी भावना उसका वैसे भाव। बहुतों के लिए गंगा सिर्फ़ नदी हो सकती हैं लेकिन बहुत लोगों के गंगा माँ हैं, बहुत लोगों के लिए एक पत्थर का टुकड़ा मात्र हो सकता हैं, लेकिन बहुत लोगों को उस पत्थर में ही ईश्वर के दर्शन होते हैं। यह सब मन के भाव पर ही तो निर्धारित होता हैं। आप रोज़ नहाते हैं अपने तन को साफ़ करते हैं लेकिन कभी यह भी सोचा है कि अपने मन को भी साफ़ कर लिया जाए...??? अगर आपके मन में किसी प्रकार का दोष नहीं है तो, आपको प्रत्येक व्यक्ति में कुछ न कुछ अच्छा जरूर दिखेगा। जैसे मैं एक हिन्दू संगठनों से जुड़ा हूं, और साथ अपना एक हिंदूवादी संगठन हम चला भी रहे हैं, लेकिन मुसलमानों में भी बहुत अच्छी बात है जिसको हमे सीखना चाहिए और इसमें कुछ बुराई भी नहीं है जैसे वह अपने मज़हब के प्रति हम हिंदुओं से कहीं ज्यादा ईमानदार हैं। अपने मज़हब के लिए वह अपनी जान तक दाँव पर लगा देते हैं और हमारे हिंदू भाई...???? आप कहते हो कि मुसलमान बहुत कट्टर होता हैं तो आपको किसने रोका हैं...???? जब-जब व्यक्ति अपने धर्म के प्रति ईमानदार नहीं होगा वह जितना भी तरक्की कर ले, कुछ नहीं कर सकता बिना धर्म के इंसान पशु के समान हैं। इसीलिए यह कहा गया है कि ""जिसके मन का भाव सच्चा होता हैं उसका हर काम अच्छा होता हैं।"" @ianilraj01 लेखक:- चौधरी अनिल कुमार राज(प्रिंस राज) #श्रीraj #ianilraj01 #Team_2026 #Mission_2026 #श्रीraj4Nation #terekurbans #RoyalChoudhry #Samaaj_Ka_KarYkarta