मुक्तक उन हसीन सपनों को पल भर में कुचल कर दे गऐ जख्म वो काटों के बीच राह से गुजर कर हमारी मुहब्बत में चंद लम्हों के फासले क्या खूब थे बीते नहीं कुछ दरमियां संग ,चल दिए वो हमसे मुकर कर ।। मुक्तक, #Prateek