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टूटे जब भी तारे(part 1) सरगम है फिजाओं में,कोई ग

टूटे जब भी तारे(part 1)


सरगम है फिजाओं में,कोई गुनगुना रहा है,
बातें गर्त हैं इशारों में,कोई सुन रहा है।
दूर तक जाना है गवाहीं में,कोई मासूम रहा है,
आराम नहीं इन पलकों में,कोई जाग रहा है।
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?
मौसम भी बिगड़ा रुह में,कोई बारिश हो रहा है,
सुबह की ओश रेशों में,कोई चहक रहा है।
फूल की सुलभ महक में,कोई विभोर हो रहा है,
विशाल गंभीर इस आसमान में,कोई अनंत शून्य हो रहा है।
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?

©Ankit verma 'utkarsh' #boatclub Rakesh Nishad Pratibha Dwivedi urf muskan Dr.Majid Ali Majid Official Neha Bhargava (karishma) Sudha Tripathi
टूटे जब भी तारे(part 1)


सरगम है फिजाओं में,कोई गुनगुना रहा है,
बातें गर्त हैं इशारों में,कोई सुन रहा है।
दूर तक जाना है गवाहीं में,कोई मासूम रहा है,
आराम नहीं इन पलकों में,कोई जाग रहा है।
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?
मौसम भी बिगड़ा रुह में,कोई बारिश हो रहा है,
सुबह की ओश रेशों में,कोई चहक रहा है।
फूल की सुलभ महक में,कोई विभोर हो रहा है,
विशाल गंभीर इस आसमान में,कोई अनंत शून्य हो रहा है।
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?
टूटे जब भी तारे,मुझे ही मांगोगे ना?

©Ankit verma 'utkarsh' #boatclub Rakesh Nishad Pratibha Dwivedi urf muskan Dr.Majid Ali Majid Official Neha Bhargava (karishma) Sudha Tripathi