लाल रौशनी “उम्मीद एक नए सवेरे की” आज हम मौन है तुम इतने क्यों बेचैन हो नहीं जहाँ में अमन और चैन है इसके मसलन तुम कोन हो © Lokesh Gupta बारिश तो होगी आज देखना है किस पर गिरेगी गाज साँझ फिर ढल रही है अँधेरा भी छा रहा है चाँद आज सुर्ख लाल होगा अमावस का ये काल होगा © Lokesh Gupta आँखों में जो बह रहा है तसव्वुर का सुरमा आज कोई तो है जो कर रहा है रौशनी को फिर लाल आज -एल.जी. #shayri #poem #gazal #nazm