*इज्जत की लज्जत* हुस्न वालों की संगत उनको ही लुभाती है । चरित्र में जिनके दृढ़ता नहीं होती । चाहते हैं मरना जो सनम की बाँहों में ,,, नीयत में उनके कभी जफा नहीं होती ।। गैर की बीबी/मियाँ में जो लज्जत ढूँढ़ते हैं । ईमान में उनके कभी वफ़ा नहीं होती । क्या सिखा पायेंगे वो अपनी औलादों को । गैरत से जीना जिनकी अदा नहीं होती ।। अरे लुटता है वही शख्स सरेबाजार में ,, कीमत जहां वालों से जिनकी अता नहीं होती । "मुस्कान" जिंदगी है बस चार दिनों की ।। कालिख लग जाये तो सफा नहीं होती ।। आये हो जहां में तो शान शौकत बना लो । इज्जत की जिंदगी कभी फना नहीं होती । लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश ( 24 मार्च 2022 ) ©Pratibha Dwivedi urf muskan #शान #हुस्नवाले #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #स्वरचित #waiting Geeta Modi