मेरी हल्की शायरी का अर्थ गहरा हो गया माँ के पढ़ते ही हर एक अक्षर सुनहरा हो गया मारकर मन की बुराई, जैसे ही आगे बढ़ा माँ ने गले लगा लिया, मेरा "दशहरा" हो गया --प्रशान्त मिश्रा "Happy दशहरा"