हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज हैं, जहाँ 'स्त्री' का आगे बढ़ कर बोलना 'बदतमीजी' हैं, और 'पुरुषों' से आगे बढ़ निकलना 'बदचलनी' हैं, माफ करिये मैं उस समाज का हिस्सा हूँ, जहाँ 'स्त्री' 'लाज ' की 'देवी', तो 'पुरुष' 'लांछन' लगाने वाला 'देवता'।