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आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क

आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क्या कार्य सौंपा था उसके बारे में बताएंगे !! 🎑{Bolo Ji Radhey Radhey}
लंकिनी :- 💤 लंकिनी लंका राज्य की सुरक्षा प्रभारी थी जो लंका नगर के प्रवेश द्वार पर पहरा देती थी। उसकी आज्ञा के बिना कोई भी नागरिक लंका के अंदर प्रवेश नही कर सकता था। वह अत्यंत शक्तिशाली व बलवान स्त्री थी जिसे रावण ने मुख्यतया लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व दिया था। जब हनुमान माता सीता की खोज में लंका में प्रवेश करने लगे तब उनका सामना लंकिनी से हुआ था। आज हम उसी रोचक प्रसंग तथा लंकिनी की कथा के बारे में जानेंगे।

भगवान ब्रह्मा ने लंकिनी को सौंपा लंका की सुरक्षा का प्रभार :- 💤 जब भगवान ब्रह्मा के वरदान से रावण को सोने की भव्य नगरी लंका प्राप्त हुई तो वह अत्यंत प्रसन्न था। उस समय ब्रह्मा जी ने लंकिनी को लंका का मुख्य प्रहरी बनाया था व उसे लंका की सुरक्षा का भार सौंपा था। लंकिनी ने भगवान ब्रह्मा से पूछा कि वह कब तक लंका की सुरक्षा में तैनात रहेगी। इस पर ब्रह्मा जी ने कहा कि जब एक दिन वानर रूप में स्वयं भगवान यहाँ आयेंगे तब वे तुम पर एक ही प्रहार करेंगे जिससे तुम परास्त हो जाएगी। उस समय तुम्हारा लंका की सुरक्षा करने का कर्तव्य पूर्ण हो जायेगा व तुम्हें मुक्ति मिल जाएगी।

हनुमान आये माता सीता की खोज में :- 💤 जब हनुमान समुंद्र लांघकर माता सीता की खोज में लंका की नगरी पहुंचे तो वे लंकिनी को चकमा देकर अंदर प्रवेश करने लगे किंतु लंकिनी ने उन्हें देख लिया व रोक लिया। लंकिनी ने हनुमान से लंका में प्रवेश करने का कारण पूछा तो हनुमान उन्हें सत्य बताना नही चाहते थे। इसलिये उन्होंने लंकिनी से कहा कि वे केवल यहाँ विचरण करने व लंका को देखने आये है। इस पर लंकिनी ने हनुमान की चाल को समझ लिया व उन पर आक्रमण करने दौड़ी।

हनुमान का लंकिनी पर एक प्रहार :- 💤 लंकिनी को स्वयं पर आक्रमण करते देखकर हनुमान ने स्त्री का वध करना उचित नही समझा व उसे रोकने के लिए उस पर एक जोरदार प्रहार किया जिससे लंकिनी अचेत हो गयी व उसके मुख से रक्त बहने लगा। एक वानर के द्वारा शक्तिशाली लंकिनी पर इतने जोरदार प्रहार से लंकिनी को ब्रह्मा जी के द्वारा कही गयी बात याद आ गयी।

लंकिनी ने मांगी हनुमान से क्षमा:- 💤 ब्रह्मा जी की बात याद आते ही लंकिनी ने उसी समय हनुमान से क्षमा मांगी व उन्हें सारा वृतांत सुनाया। उसने हनुमान जी से कहा कि वह जान चुकी है कि अब लंका व राक्षसों का अंत आ चुका है। साथ ही ब्रह्मा के कहे अनुसार उसका भी लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व अब समाप्त हो चुका है। इसलिये वे उन्हें क्षमा करें ताकि वह पुनः ब्रह्म लोक जा सके। इसके बाद लंकिनी पुनः ब्रह्म लोक की ओर चली जाती है।

लंकिनी की मिला था भगवान ब्रह्मा का श्राप :- 💤 एक मान्यता के अनुसार लंकिनी पहले एक सुंदर स्त्री थी जिसके पास पहले भगवान ब्रह्मा के लोक की सुरक्षा का भार था किंतु स्वयं को मिले इस उत्तरदायित्व के कारण उसमे अहंकार आ गया था। इसी अहंकार के कारण ब्रह्मा जी ने उसे राक्षस नगरी का प्रहरी बना दिया था। जब उसे अपनी गलती का अनुभव हुआ तो उसने भगवान ब्रह्मा से क्षमा मांगी। तब भगवान ब्रह्मा ने उसे एक वानर के द्वारा उस पर प्रहार करके उसे मुक्ति देने का उपाय बताया था। N S Yadav...

©N S Yadav GoldMine
  #snowfall आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क्या कार्य सौंपा था उसके बारे में बताएंगे !! 🎑{Bolo Ji Radhey Radhey}
लंकिनी :- 💤 लंकिनी लंका राज्य की सुरक्षा प्रभारी थी जो लंका नगर के प्रवेश द्वार पर पहरा देती थी। उसकी आज्ञा के बिना कोई भी नागरिक लंका के अंदर प्रवेश नही कर सकता था। वह अत्यंत शक्तिशाली व बलवान स्त्री थी जिसे रावण ने मुख्यतया लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व दिया था। जब हनुमान माता सीता की खोज में लंका में प्रवेश करने लगे तब उनका सामना लंकिनी से हुआ था। आज हम उसी रोचक प्रसंग तथा लंकिनी की कथा के बारे में जानेंगे।

भगवान ब्रह्मा ने लंकिनी को सौंपा लंका की सुरक्षा का प्रभार :- 💤 जब भगवान ब्रह्मा के वरदान से रावण को सोने की भव्य नगरी लंका प्राप्त हुई तो वह अत्यंत प्रसन्न था। उस समय ब्रह्मा जी ने लंकिनी को लंका का मुख्य प्रहरी बनाया था व उसे लंका की सुरक्षा का भार सौंपा था। लंकिनी ने भगवान ब्रह्मा से पूछा कि वह कब तक लंका की सुरक्षा में तैनात रहेगी। इस पर ब्रह्मा जी ने कहा कि जब एक दिन वानर रूप में स्वयं भगवान यहाँ आयेंगे तब वे तुम पर एक ही प्रहार करेंगे जिससे तुम परास्त हो जाएगी। उस समय तुम्हारा लंका की सुरक्षा करने का कर्तव्य पूर्ण हो जायेगा व तुम्हें मुक्ति मिल जाएगी।

हनुमान आये माता सीता की खोज में :- 💤 जब हनुमान समुंद्र लांघकर माता सीता की खोज में लंका की नगरी पहुंचे तो वे लंकिनी को चकमा देकर अंदर प्रवेश करने लगे किंतु लंकिनी ने उन्हें देख लिया व रोक लिया। लंकिनी ने हनुमान से लंका में प्रवेश करने का कारण पूछा तो हनुमान उन्हें सत्य बताना नही चाहते थे। इसलिये उन्होंने लंकिनी से कहा कि वे केवल यहाँ विचरण करने व लंका को देखने आये है। इस पर लंकिनी ने हनुमान की चाल को समझ लिया व उन पर आक्रमण करने दौड़ी।

हनुमान का लंकिनी पर एक प्रहार :- 💤 लंकिनी को स्वयं पर आक्रमण करते देखकर हनुमान ने स्त्री का वध करना उचित नही समझा व उसे रोकने के लिए उस पर एक जोरदार प्रहार किया जिससे लंकिनी अचेत हो गयी व उसके मुख से रक्त बहने लगा। एक वानर के द्वारा शक्तिशाली लंकिनी पर इतने जोरदार प्रहार से लंकिनी को ब्रह्मा जी के द्वारा कही गयी बात याद आ गयी।

#snowfall आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क्या कार्य सौंपा था उसके बारे में बताएंगे !! 🎑{Bolo Ji Radhey Radhey} लंकिनी :- 💤 लंकिनी लंका राज्य की सुरक्षा प्रभारी थी जो लंका नगर के प्रवेश द्वार पर पहरा देती थी। उसकी आज्ञा के बिना कोई भी नागरिक लंका के अंदर प्रवेश नही कर सकता था। वह अत्यंत शक्तिशाली व बलवान स्त्री थी जिसे रावण ने मुख्यतया लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व दिया था। जब हनुमान माता सीता की खोज में लंका में प्रवेश करने लगे तब उनका सामना लंकिनी से हुआ था। आज हम उसी रोचक प्रसंग तथा लंकिनी की कथा के बारे में जानेंगे। भगवान ब्रह्मा ने लंकिनी को सौंपा लंका की सुरक्षा का प्रभार :- 💤 जब भगवान ब्रह्मा के वरदान से रावण को सोने की भव्य नगरी लंका प्राप्त हुई तो वह अत्यंत प्रसन्न था। उस समय ब्रह्मा जी ने लंकिनी को लंका का मुख्य प्रहरी बनाया था व उसे लंका की सुरक्षा का भार सौंपा था। लंकिनी ने भगवान ब्रह्मा से पूछा कि वह कब तक लंका की सुरक्षा में तैनात रहेगी। इस पर ब्रह्मा जी ने कहा कि जब एक दिन वानर रूप में स्वयं भगवान यहाँ आयेंगे तब वे तुम पर एक ही प्रहार करेंगे जिससे तुम परास्त हो जाएगी। उस समय तुम्हारा लंका की सुरक्षा करने का कर्तव्य पूर्ण हो जायेगा व तुम्हें मुक्ति मिल जाएगी। हनुमान आये माता सीता की खोज में :- 💤 जब हनुमान समुंद्र लांघकर माता सीता की खोज में लंका की नगरी पहुंचे तो वे लंकिनी को चकमा देकर अंदर प्रवेश करने लगे किंतु लंकिनी ने उन्हें देख लिया व रोक लिया। लंकिनी ने हनुमान से लंका में प्रवेश करने का कारण पूछा तो हनुमान उन्हें सत्य बताना नही चाहते थे। इसलिये उन्होंने लंकिनी से कहा कि वे केवल यहाँ विचरण करने व लंका को देखने आये है। इस पर लंकिनी ने हनुमान की चाल को समझ लिया व उन पर आक्रमण करने दौड़ी। हनुमान का लंकिनी पर एक प्रहार :- 💤 लंकिनी को स्वयं पर आक्रमण करते देखकर हनुमान ने स्त्री का वध करना उचित नही समझा व उसे रोकने के लिए उस पर एक जोरदार प्रहार किया जिससे लंकिनी अचेत हो गयी व उसके मुख से रक्त बहने लगा। एक वानर के द्वारा शक्तिशाली लंकिनी पर इतने जोरदार प्रहार से लंकिनी को ब्रह्मा जी के द्वारा कही गयी बात याद आ गयी। #प्रेरक

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