Nojoto: Largest Storytelling Platform

अगर मै, कहीं अंधेरे मे,चला जाऊ तो क्या होगा यूँही

अगर मै, कहीं अंधेरे मे,चला जाऊ तो क्या होगा 
यूँही कहीं भटक जाऊ ,तो क्या होगा ×2 
मेरी साँसों की गिनती जब बोझ लगती है उन्हे  
तो अब मै मर भी जाऊ तो क्या होगा 

मेरे साथ होने का आभास नही है उन्हे 
मेरे लौट आने की आस नही है उन्हे 
फिर यूँही कहीं भी निकल जाऊ तो क्या होगा 

जब जीते जी मेरे आँसूओ को कांधा न मिला 
जब जीते जी, मेरे आँसूओ को, कांधा न मिला 
मरने पर हज़ारो के बीच भी जल जाऊ तो क्या होगा

©dr. Naveen Parihar #naveenparihar #NaveenPoetry #Naveen 

#darkness
अगर मै, कहीं अंधेरे मे,चला जाऊ तो क्या होगा 
यूँही कहीं भटक जाऊ ,तो क्या होगा ×2 
मेरी साँसों की गिनती जब बोझ लगती है उन्हे  
तो अब मै मर भी जाऊ तो क्या होगा 

मेरे साथ होने का आभास नही है उन्हे 
मेरे लौट आने की आस नही है उन्हे 
फिर यूँही कहीं भी निकल जाऊ तो क्या होगा 

जब जीते जी मेरे आँसूओ को कांधा न मिला 
जब जीते जी, मेरे आँसूओ को, कांधा न मिला 
मरने पर हज़ारो के बीच भी जल जाऊ तो क्या होगा

©dr. Naveen Parihar #naveenparihar #NaveenPoetry #Naveen 

#darkness